एक सुबह जब निखिल ऊपर से नीचे आया तो उसने देखा कि बिना और सुमन पूजा की तैयारी कर रहे हैं निखिल ने उनसे पूछा किस किस चीज की तैयारी हो रही है कोई पूजा है इस पर सुमन ने जवाब दिया आज करवा चौथ है आज के दिन आरती अपनी पति के लिए लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं
निखिल ने बड़ी मासूमियत से पूछा तो क्या लड़के नहीं रख सकते इस पर सुमन को हंसी आ गई और उसने कहा रख सकते हैं क्यों नहीं रख सकते लड़का लड़की दोनों रख सकते हैं अपने जीवन साथी के लिए जिससे वह प्यार करते हैं
पास बैठी रचना ने कहा फिर तो मैं भी व्रत करूंगी
तुम किसके लिए करोगी व्रत सुमन ने घूरते हुए देखा रचना की तरफ और कहा चुपचाप नाश्ता करो जाकर
रचना चुपचाप खाने की टेबल पर बैठ गई वहां कृष्णा पहले से था और निखिल को देख रहा था रचना ने कोनी मारते हुए कहा देख कर ही पेट भर लोगे या कुछ खाओगे भी इस पर कृष्णा ने कहा मेरा आज व्रत है मैंने उसके लिए रखा रचना ने कहा पागल हो क्या पूरा दिन भूखा प्यासा और अगर रात को व्रत उस उसी के हाथ से पानी और खाना खा खोला जाता है जिसके लिए व्रत रखते हैं और अगर निखिल ने पानी और खाना खिलाया तो....
इस पर कृष्णा झटक कर बोला क्यों नहीं खिलाएगा खाना और क्यों नहीं पिलाया का पानी मुझे नहीं पल आएगा तो और किसे पल आएगा वह जरूर पिलाएं देखना तुम
कृष्णा ने कहा तू खाना खा बेचारे कार्तिक को तो पता ही नहीं है किस भुक्कड़ से प्यार किया है
कृष्णा के मुंह से कार्तिक का नाम सुनते ही रचना का निवाला उसके गले में अटक गया और वह पानी पीने लगी कृष्णा ने कहा तुम्हें क्या लगता है तुम बताओ कि नहीं तो क्या मुझे पता नहीं चलेगा सब जानता हूं मैं
रचना ने कहा भैया मुझे लगा अगर आपको बताऊंगी तो पापा और ताऊ जी की तरह कहीं आप गुस्सा ना करो इसलिए नहीं बताया
कृष्णा ने कहा रचना मैं तेरे भाई के साथ साथ एक अच्छा दोस्त भी मैं तेरे हर फैसले पर साथ हूं और मैं कार्तिक को बहुत पहले से जानता हूं अच्छा लड़का है
रचना मुस्कुराइ तो कृष्णा ने उसके सर पर हाथ रखते हुए कहा अब खाना खा ले भुक्कड़.....
इतना कहकर कृष्णा वहां से चला गया और सुमन दादी और बिना के अलावा कृष्णा ने भी व्रत रखा था पर किसी को पता चलने नहीं दिया
निखिल ने पल्लवी और रचना के साथ मिलकर
शाम को छत पर एक प्रोग्राम रखा था सब बहुत ही खुश थे शाम को सब छत पर आ गए चांद ना निकलने तक अंताक्षरी खेलना शुरू हुआ
करीब 2 घण्टे बाद चांद निकल आया सबने पूजा की और नीचे चले गए पर कृष्णा वही ऊपर खड़ा था जब खाने की टेबल में पूछा गया तो रचना ने बताया कि वो छत पर है
निखिल उसे बुलाने गया तो देखा वो चांद को देख रहा था निखिल ने आवाज़ लगाई उसने ध्यान नही दिया अनदेखा कर दिया...
निखिल पास गया और गया पूछा कि क्या हुआ तो उसने बताया उसकी तबीयत कुछ ठीक नही है
वो वही सीढ़ियों पर बैठ गया...
निखिल कृष्णा का उदास चेहरा देखा नही जा रहा था उसने पानी का ग्लास लिया और उसे पिलाया
कृष्णा हस्ते हुए उठा और कहा मेरा व्रत टूट गया तुमने पानी पिला दिया वो दौड़ गया खाना खाने को की बहुत भूख लगी है निखिल हल्का सा मुस्कुराया दिया।
महेंद्र सिंह नीचे खाने की टेबल में बीना से कहते है
आप बीना हमारे साथ खाना खाइए...
ऐसी बात सुन के सबके मुंह खुले रह गए थे
सबने एक साथ खाना खाया रात को जब बीना और सुमन कुछ काम कर रही थी
सुमन ने बीना से कहा दीदी एक बात कहूं जब से कृष्णा का वो दोस्त आया तब से इस घर को माहौल कितना बदल गया है
इस पर बीना ने कहा हा लगता है जैसे उसका कुछ पुराना नाता है और वो हल्की सी मुस्कुरा दी....
बीना जब कमरे पहुंची तो देखा कि महेंद्र सिंह किताब पढ़ रहे थे बीना ने कहा अरे आप सोए नही उन्होंने कहा नही कुछ बात करना चाहते थे आपसे
अपने रवैए के चलते हम बहुत दूर हो गए
आपसे कितना दूर हो गया था ये अहसास हमे आज हुआ, जब खाने की टेबल पर आपकी आँखों को नम देखा ..
अनजाने में ही.......
सही हमने आपको बहुत तकलीफ पहुंचाई है - उन्होंने बीना के चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा
"नहीं जी, आप ऐसा क्यों कह रहे है हमने कभी आपकी किसी भी बात का बुरा नहीं माना, आज जब सबके सामने आपने हमे सम्मान से साथ खाने को कहा तो हमे बहत खुशी हुयी-बीना की
आँखों में आंसू आ गए
महेंद्र सिंह ने उसे सीने से लगाते हुए कहा- हाँ क्योकि हम आपसे बहुत प्यार करते है
महेंद्र की बात सुनकर बीना शरमाँ गयी
वक्त गुजरता गया, सभी खुश रहने लगे थे ... निखिल को यहां आये एक महीना हो चूका था पर ना मामा-मामी न उसकी खबर ली न कोई फोन किया
अमन अमित से जरूर उसकी बात हो जाया करती थी,
उसका और कृष्णा का रिजल्ट भी चूका था दोनों इस बार भी अच्छे नंबरों से पास हुए थे ...
एक दिन सुबह सुबह सभी नाश्ते की टेबल पर थे कृष्णा निखिल के पास ही बैठा था सब नाश्ता करने में लगे थे.. पर कृष्णा शरारत करने में उसने टेबल के निचे से निखिल का हाथ पकड़ लिया और अनजान बनकर नाश्ता करता रहा ,,
बेचारा निखिल न कुछ बोल पा रहा था ना कुछ कर पा रहा था..
स चुपचाप उस से अपना हाथ छुड़ाने में लगा था, उसने अपने पैर से कृष्णा के पैर पर जोर से
मारा तो उसने उसका हाथ छोड़ दिया......
नाश्ता करते हुए विक्रम ने महेंद्र सिंह से कहा - भाई साहब, मेरा दोस्त अपनी पत्नी और बेटे के साथ कल अपने घर आ रहे है वे अपने बेटे के लिए रचना को देखने आ रहे है आपका क्या ख्याल है
विक्रम के मुंह से ये बात सुनकर रचना के गले में खाना अटक गया, न उगला जा रहा था ना निगला वो चुपचाप कृष्णा की तरफ देखती रही.......
कृष्ण ने पानी देते हुए धीरे से कहा - परेशान मत हो मैं हु ना
महेंद्र सिंह - बात तो ठीक है विक्रम पर इतनी जल्दी ?
विक्रम - भाई साहब वो बात दरअसल ये है की लड़के की अमेरिका में जॉब लग गयी है और वहा 2 साल की ट्रेनिंग भी है इसलिए उसे अगले ही सप्ताह वापस जाना होगा, जाने से पहले वो रचना से मिलना चाहते थे
महेंद्र सिंह - ये तो बहुत अच्छी बात है, तुम उन्हें कल शाम घर बुला लो, कल मिलकर बात कर लेते है रचना अगर उन्हें पसंद आ गयी तो इसी हफ्ते इनकी सगाई भी कर लेते है।
"आपने तो मेरे दिल की बात कह दी, मैं आज ही उनको फोन करके कह देता हूं - विक्रम ने खुश होते हुए कहा
उनकी बातें सुनकर रचना वहा से उठकर चली गयी
"शायद शरमा गयी - विक्रम ने नाश्ता करते हुए कहा, मैं अभी जाकर उसे बुलाकर लता हूं
विक्रम भी उठकर रचना के कमरे की तरफ चला गया ..सभी नाश्ता करने के बाद हॉल में आकर बैठ गए,
निखिल और कृष्णा दोनों एक दूसरे को देख रहे थे वो जानते थे की रचना किसी और से प्यार करती है विक्रम जैसे ही रचना के कमरे में पंहुचा उसने देखा रचना रोते हुए किसी से फ़ोन पर बात कर रही थी विक्रम ने जाकर उसके हाथ से फोन लिया और देखा स्क्रीन पर किसी कार्तिक का नाम है ,,
उन्होंने खींचकर एक थप्पड़ रचना के गाल पर मारा और कहा -तुझे जरा भी शर्म नहीं आयी ये सब करते हुए और उसकी बांह पकड़कर खींचते हए बाहर ले आये उसे इस तरह
देखकर महेंद्र सिंह ने कहा
"अरे !! विक्रम ये कोई तरीका है बच्ची से इस
तरह पेश आने का
"भाईसाहब आप जानते नहीं है इसने क्या किया है इसने तो मुझे कही मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा - विक्रम ने गुस्से में रचना को
घूरते हुए कहा, रचना रोये जा रही थी घरवालो को कुछ समझ नहीं आ रहा था सभी बस रचना और विक्रम को देखे जा रहे थे,महेंद्र सिंह के पूछने पर विक्रम ने उन्हें सारी बात बता दी शुमन रोने लगी किसी ने सोचा नहीं था रचना उन्हें ऐसा दिन भी
दिखा दी, महेंद्र सिंह सोच में पड़ गए उन्हें चुप देखकर विक्रम ने कहा- उस लड़के की हड्डी पसली एक कर दूंगा मैं
"शांत हो जाओ विक्रम, और ठन्डे दिमाग से काम लो मामला हमारे घर की इज्जत का है जरा सोच समझकर - महेंद्र सिंह ने रचना की तरफ देखकर कहा हमें बताओ
रचना महेंद्र के पास आकर खड़ी हो गयी और कहने लगी - मुझेमाफ़ कर दीजिये ताऊजी, पर कार्तिक बहुत अच्छा लड़का है। और मुझसे बहुत प्यार करता है
रचना के मुंह से ऐसी बात सुनकर विक्रम ने एक तमं चा उसके गाल पर जड़ते हुए कहा - बेशर्म !! तुझे जरा सी भी लाज शर्म नहीं है , जो सबके सामने ये सब बोल रही है
"ठहरो विक्रम जवान बेटी पर इस तरह हाथ उठाना सही बात नहीं है - महेंद्र सिंह ने कहा
"लेकिन भाईसाहब इसने जो किया है वो भी तो सही नहीं है, इसने तो मुझे कही का नहीं छोड़ा मैं जान से मार दूंगा इसे - कहकर जैसे ही वो रचना की तरफ बढे, कृष्णा उनके सामने आ गया उन्होंने गुस्से में कृष्णा से कहा कृष्णा मेरे सामने से हट जाओ, आज मैं इसके सर से प्यार का भुत उतार कर रहूंगा
"बस चाचाची !! कृष्णा ने चिल्लाकर कहा - बहुत हो गया इसने कुछ गलत नहीं किया है, किसी से प्यार करना गलत नहीं है, एक बार अगर और आपने इस पर हाथ उठाया तो मैं भूल जाऊंगा की आप इसके पापा और मेरे चाचा
है,,
कार्तिक एक अच्छा लड़का है अपनी रचना को वो बहुत खुश रखेगा.
विक्रम बहुत गुस्से में था वो एक टूटी हुयी डाल की तरह पास रखी कुर्सी पर बैठ गए और अपना चेहरा पकड़कर बैठ गया और कहने लगा- "क्या कमी रखी हमने इसकी परवरिश में जो इसने आज हमे ये दिन भी दिखा दिया, हर खुशी हर बात मानी इसकी फिर भी इसने एक बार भी ये सब किसी को नहीं बताया आखिर क्यों ?
"इसकी वजह हम बताते है - निखिल ने आगे आकर कहा
सब निखिल की तरफ देखने लगे निखिल ने बोलना शुरू किया - इसने आप लोगों से कुछ नहीं कहा इसकी वजह थी आप लोगो का डर, वो डर जिसमे आज तक इस घर के लोग जीते आये है, आपका गुस्सा जिसके सामने सब चुप हो जाते है ये कैसे कह पाती की ये किसी को पसंद भी करती है, प्यार करना गलत नहीं है गलत तब होता जब वो इस घर से भाग जाती या फिर अपने
साथ कुछ गलत कर लेती.
सब चुपचाप निखिल की बात सुने जा रहे थे निखिल विक्रम के पास गया और उनके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा- चाचाजी रचना ने कुछ गलत नहीं किया, बिना उसके मन की बात जाने
उसकी शादी कही और करना गलत होगा, उसके इस फैसले से शायद कुछ दिन आप खुद को कोसोगे, पर अगर कार्तिक के अलावा उसकी शादी किसी और से हो गयी तो वो जिंदगी भर
आपको कोसेगी एक अच्छी जिंदगी में अगर पैसा कम हो तो भी वो खुश रह लेगी पर अगर प्यार ही ना हो तो एक अच्छी खासी जिंदगी भी बोझ बन जाती है, मुझे आपके घर के मामलो में बोलने का हक़ नहीं है शायद, पर ये रचना की जिंदगी का सवाल है ...
कहकर निखिल रचना के पास जाकर उसके आस पोछने लगा महेंद्र सिंह ने रचना की तरफ देखा और कहा- रचना तुम अपने कमरे में जाओ
रचना अपने कमरे में चली गयी, बाकि सब वहीं थे विक्रम अब भी सर झुकाये वैसे ही बैठा था
महेंद्र सिंह अपनी जगह से उठ खड़े हुए और कहा - विक्रम , रचना तुमसे पहले हमारी बेटी है पर उसने कभी आकर मुझसे भी अपने मन की बात नहीं कही, मुझसे क्या घर में किसी से नहीं कही
क्योंकि काम और अपने उसूलो के कारण हमने अपने बच्चो को से दूर कर दिया और हर समय उन पर अपनी पसंद नापसंद अपने सपने, अपनी उम्मीदे थोपते रहे और वो सिर्फ हमारे डर की
वजह से उन्हें मानते रहे, हमारे बच्चे सिर्फ हमसे डरते है इसलिए उन्होंने कभी हमसे ये सब कहने की हिम्मत नहीं की और ना ही कभी हमने उन्हें समझने की कोशिश की .. अपनी झूठी शान और
परम्परा के नाम पर हमने सिर्फ उनकी खुशियों को उनसे छीना है।
"तो अब हम क्या करे भैया - विक्रम ने भीगी आँखों से बडे भाई की तरफ देखते हुए कहा
महेन्द्र सिंह - अगर रचना किसी को पसंद करती है तो हमे एक बार उस लड़के के घरवालों से मिल लेना चाहिए उसने उसे पसंद किया है तो उसमें
कोई तो बात होगी,, और फिर दादाजी की तरफ पलटकर कहा क्यों पिताजी हम सही कह रहे है ना उन्होंने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी और कहा - आज अपने बच्चो की खुशी के प्रति तुम्हारा
प्यार देखकर मैं बहुत खुश हु महेंद्र
महेंद्र सिंह ने विक्रम के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा - हमारे बच्चे ही हमारे लिए सब कुछ है, रचना को माफ़ करके उस से बात करो उसे इस वक्त तुम्हारी जरुरत है ...
विक्रम उठकर रचना के कमरे की तरफ चला गया ..
महेंद्र सिंह की बाते सन सबकी आँखे नम हो गयी उन्होंने निखिल के सर पर हाथ रखते हुए कहा- अब तो आप खुश है।
निखिल मुस्कुरा दिया
महेंद्र ने कृष्ण से कहा अपनी छोटी बहन
के प्रति आपका प्यार देखकर मुझे बहुत ख़ुशी हुयी
महेंद्र के फैसले से आज पहली बार सब बहुत खुश थे उन्होंने बीना से कहा - बीना हम फेक्ट्री जा रहे है , विक्रम से कहना उसे वही मिलेगे वो चले गए
दूसरी तरफ विक्रम रचना के कमरे में पहुंचे रचना अब भी रो रही थी इतने सालो में पहली बार विक्रम ने उस पर हाथ उठाया था,रचना ने जब उनको देखा तो उनके पायी और रोते हुए कहा - मुझे माफ़ कर दो पापा, मुझसे गलती हो गयी आप जैसा कहेंगे मैं वैसा ही करूँगी, मेरी वजह से आज आपको सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ा मुझे माफ़ कर दीजिये आप जहा कहेंगे मैं वहा शादी कर लुंगी, लेकिन अपने पापा का सर कभी झुकते हुए नहीं देख सकती
रचना के मुंह से ये बात सुनकर विक्रम ने उसे गले लगाते हुए कहा नहीं बेटा तुम माफ़ी मत मांगो, माफ़ी तो मुझे मांगनी चाहिए आज मैंने तुम पर हाथ उठाया अपने पापा को माफ़ कर दो
बेटा...
रचना उन्हें गले लगाए काफी देर रोती रही,
विक्रम ने उसे खुद से अलग करके पूछा - कार्तिक से प्यार करती हो रचना ने हाँ में गर्दन हिला दी तो विक्रम ने मुस्कुराते हुए कहा ठीक है, कल शाम उसे अपने माँ पापा के साथ घर आने को कहो.
इतना कहकर वो चले गए रचना ख़ुशी से उछल पड़ी निखिल और कृष्णा बाहर खड़े उसे देखते रहे
निखिल चलकर बाहर आँगन में आ गया खड़ा हो गया, उसके पीछे पीछे कृष्णा भी आ गया और कहा
निखिल से कहा- थैंक्यू
"थै क्यू किसलिए" - निखिल ने उसकी तरफ देखते हुए पूछा
कृष्ण - तुम्हारे आने के बाद सब सही हो गया इस घर में ..
तुम इतना इन सब के लिए इतना क्यों कर रही हो ?
निखिल - कृष्णा मैं सिर्फ कुछ दिनों के लिए आया था इस घर मे पर जब मैंने पहली बार सबको देखा तो समझ आया की एक घर
में इतने सारे लोग एक साथ रहकर भी एक दूसरे से कितना दूर है, कोई किसी से अपनी परेशानी बाटना तो दूर आपस में बात तक नहीं करते थे, मैंने इन सबके लिए कुछ खास नहीं किया
बस इन्हें अहसास दिलाया है की इनकी जिंदगी का मकसद क्या है ,
कृष्णा - 24 सालो से जो मैं नहीं देख पाया वो तुमने देख लिया तुमने किसको
पढ़ा है
निखिल - इंसान को, कृष्णा इस परिवार को एक करना बहुत जरूरी था ताकि अगर जिंदगी में कभी उन्हें किसी मदद की जरुरत पडे तो ये सब एक दूसरे के साथ खड़े हो एक दूसरे के खिलाफ नहीं,, और शायद अब मेरा काम पूरा हो चुका है
कृष्णा मतलब अब तुम चले जाओगे ? - कृष्णा ने बेचैनी से कहा
निखिल - जाना तो पडेगा ही बस पल्ल्वी के एग्जाम तक यहा हु उसके बाद जाना होगा, बहुत कम समय में ही इन सब लोगों से इतना गहरा रिश्ता जुड़ गया मैं इन सबको बहुत मिस करूंगा
कृष्णा - और मुझे?
निखिल ने उसकी आँखों में
देखा और कहा - हां तुम्हें
भी ..
कुछ देर दोनों के बीच ख़ामोशी छायी रही फिर
निखिल वहां से चला गया
कृष्णा वही बैठ गया, निखिल के जाने की बात सुनकर उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था, पल्लवी भी आकर उसके पास बैठ गयी और कहा - तो क्या सोचा है तुमने ?
किस बारे में दीदी - कृष्णा ने चौंकते हुए कहा
पल्लवी - कृष्णा हम तुम्हारी बहन है हमसे भला क्या छुपा
रह सकता है, हम निखिल की बात कर
रहे है बहुत अच्छा लड़का है तुम्हे हमेशा खुश रखेगा, जाकर उसे अपन दिल की बात बता दो
मैंने
कृष्णा - ऐसी कोई बात नहीं है दीदी
पल्लवी - कृष्णा इस बक्त तुम्हारी आँखों में जो हम देख रहे है वो शायद तुमने नहीं देखा तुम्हारी आँखे कहती है की तुम उसे बहुत प्यार करते हो
कृष्णा ने नजरे झुका ली और कहा - हां करता तो हु , जब पहली बार उसे देखा था पता नहीं क्यों ऐसा लगा जैसे बहुत सालो से जानता हु उसे , उसके गुस्से पर भी प्यार आता है, और जब उसकी आँख से आंसू गिरता है तो ऐसा
लगता है जैसे सारी दुनिया को आग लगा दू, जब वो हास्ता है तो लगता है।
जैसे उस से खूबसूरत और कुछ नहीं
पल्लवी - इतना प्यार होकर भी उसे बता नहीं पाया,
कृष्णा - बताऊंगा दीदी , बस एक बार आप दोनों का सिलेक्शन हो जायेअभी बताया तो वह पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाएगा, और उसे बताना नहीं
उसके मुंह से सुनना चाहता हु की वो भी मुझे चाहता है।
पल्लवी ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा - मैं हमेशा तेरे साथ हु
पीछे से रचना ने आकर उसके गले में बांहे डालते हुए कहा - और मैं भी.
उसके बाद तीनो अपने अपने कामो में लग गए..
रात में निखिल बीना के कमरे में गयी और कहा- आंटी थोड़ी सी बाम मिलेगी।
सर बहुत दुःख रहा है
बीना ने उसे अपने पास बैठने को कहा और अलमारी से तेल निकालकर ले आयी निखिल से निचे बैठने को कहा तो उसने कहा- अरे आंटी आप परेशान मत होइए हम लगा लेंगे
पर बीना ने उसकी बात नहीं सुनी और उसे बैठकर उसके बालो में तेल से मालिश करने लगी निखिल को थोड़ा आराम मिला तो उसने कहा - वाह आंटी आपके हाथों में तो जादू है , मेरा सरदर्द तो
बिल्कुल ठीक हो गया
बीना मुस्कुराती हुयी उसके बालों को सहलाने लगी और उस से बात करने लगी..
थोड़ी देर में कृष्णा वहा आ गया उसने जब निखिल को माँ के साथ देखा तो बहुत खुश हुआ और उन्हें अकेला छोड़कर वापस चला गया
निखिल जब जाने लगा तो बीना ने उसे रोकते हुए कहा- निखिल
निखिल पलटा तो बीना उसके पास आकर खड़ी हो गया और निखिल का सर
चूमकर कहा - तुम बहुत अच्छे हो बेटा, आज इस घर में जो खुशिया है।
उनकी वजह सिर्फ तुम हो, हमेशा खुश रहो और खुद को कभी अकेला मत समझना मैं हमेशा तुम्हारे साथ हु..
बीना की बातें सुनकर निखिल की आँखों में आंसू आ गए उसने उन्हें गले लगा लिया ..
बीना उसका सर सहलाती रही .. कुछ देर बाद निखिल अपने कमरे में आ गया उसका पढ़ने में बिलकुल मन नही था , वो खड़ा होकर खिड़की के बाहर देखने लगी आज उसे अपने माँ पापा की बहुत याद आ रही थी, आंसू उसकी आँखों से बरबस ही बहते जा रहे थे..
पल्लवी के आने की आहट सुनकर निखिल ने जल्दी से अपने आंसू पोंछ लिए पर पल्लवी ने देख लिया वो वैदेही के पास आयी उसे
अपने पास बैठाते हुए कहा - सबको हँसाने वाली खुश रखने वाला आज इतनी उदास क्यू है
"कुछ नहीं बस माँ पापा की याद आ गयी - निखिल ने फीकी सी मुस्कान लाते
हुए कहा
पल्लवी ने उसका हाथ अपने हाथो मे ले लिया और कहा - निखिल ये घर भी
तुम्हारा ही घर है, माँ पापा बाकि सब लोग भी तो तुम्हारे अपने है,, इसलिए
बिल्कुल उदास मत हो हम सब है न तुम्हारे साथ
"और हम भी - दरवाजे पर खड़े कृष्णा और रचना ने एक साथ कहा..
दोनों अंदर आकर उनके पास बैठ गए और बाते करने लगे, कृष्णा की नजरे तो बस निखिल पर ही चली जाती रचना और पल्लवी उन दोनों को
देखकर मुस्कुराती जा रही थी..
कुछ देर बाते करने के बाद कृष्णा और रचना
अपने अपने कमरे मे चले गए
अगली सुबह महेंद्र सिंह ने बताया कि शाम को कार्तिक अपने माँ पापा के साथ आने वाला है. ये खबर सुनकर सभी बहुत खुश हुए और रचना शरमा कर अंदर भाग गयी ..
शाम को कार्तिक अपने माँ पापा और बहन के साथ घर आया, सब घरवालों को कार्तिक बहुत पसंद आया , उसके घरवाले भी बहुत भले लोग थे सबकी रजामंदी से रचना और कार्तिक का रिश्ता पक्का हो गया, सुमन और विक्रम
ने मिलकर उसे शगुन दिया और उसके बाद सगाई की तारीख निकाली गयी सगाई की तारीख एक हफ्ते बाद की निकली थी, रचना और कार्तिक दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे.. घर के सभी बड़े खाने के लिए हॉल में इक्कठा हो गए बातचीत और हंसी मजाक में सभी खाने का मजा ले रहे थे.. तभी निखिल रचना को खीचते हुए ऊपर लेकर गयी ऊपर छत पर कार्तिक पहले से मौजूद था, रचना ने निखिल की तरफ देखा
तो उसने कहा - मैंने सोचा निचे घरवालों के सामने तुम्हारी बात नहीं हो पायी इसलिए यहाँ ले आया तुम दोनों बात करो मैं यहीं ह ध्यान रखने के
रचना निखिल को थैक्यू बोल कर कार्तिक के पास चली गयी...और निखिल दूसरी तरफ मुंह करके खड़ी हो गया तभी कृष्णा ने कहा- और तुम्हारा ध्यान रखने के लिए मैं हु
निखिल ने चौंकते हुए कहा- तुम.............तुम यहाँ क्या कर रहे हो
कृष्णा - तुम्हारा ध्यान रख रहा हु ना
निखिल अच्छा. हम हमारा ध्यान खुद रख सकते है आप जाईये निचे
कृष्णा - जी नहीं, मैं नहीं जा रहा
निखिल- ठीक है तो हम ही चले जाते है -- कहकर निखिल जैसे ही जाने लगी उसका पैर फिसल गया वो जैसे ही गिरने को हुआ कृष्णा ने उसे अपनी बाँहों में थाम लिया..
डर की वजह से निखिल की आँखे बंद हो गयी उसने अपनी आँखे खोली तो कृष्णा
मुस्कुरा रहा था उसने कहा - कहा था हमने ?
'निखिल बस उसकी आँखों में देखे जा रही थी.
तभी कार्तिक और रचना आ गए उन दोनों को ऐसे देखकर कार्तिक ने कहा रचना हमने तो सोचा था रोमांस हमारा है लेकिन देखकर तो लगता है रोमांस तो इन दोनों के बिच है .. कार्तिक की बात सुनकर कृष्णा ने निखिल को छोड़
दिया ,,
निखिल झेप गया कृष्णा निचे भाग गया,निखिल भी रचना और कार्तिक के साथ निचे आ गयी, खाना खाने के बाद कार्तिक अपने घरवालों के साथ वापस चला गया
एक हफ्ते बाद दोनों की सगाई होनी थी इसलिए अगले दिन से ही घर में तैयारियां शुरू हो गयी , रचना उस दिन पहनने के अलग अलग तरह के लहंगे देखने लगी, बीना सुमन ने भी अपने लिए ने साडिया खरीद ली...
घर में सभी बहुत खुश थे पल्लवी की शादी के बाद आज घर में कोई फंक्शन था ,,
विक्रम तो इस सगाई में चार चाँद लगा देना चाहता था इसलिए कभी कुछ तो कभी कुछ बात पर परेशान हो जाता , धीरे धीरे सगाई का दिन।
नजदीक आ गया सगाई के पहले दिन दादीजी ने घर की सब औरतो मेहँदी लगाने को कहा तो बीना ने कहा माँ मेहंदी लगाएंगे तो रात का खाना बनाने में देर हो जाएगी
"आप लोग मेहँदी लगवाओ खाना आज हम बनाएंगे - महेंद्र सिंह ने कहा
बीना - अरे !! आप कैसे खाना बनाएंगे
"क्यों बीना शादी के बाद बनाया था ना उस दिन - महेंद्र सिंह ने उनके पास बैठते हुए कहा
बीना - हां जिसे खाकर हमे हमारे सारे घरवाले याद आ गए थे .
बीना की बात सुनकर सभी हसने लगे.. तो महेंद्र सिंह ने कहा- कोई बात
नहीं तब हम बच्चे थे और
अब तो हमारे पास शागिर्द भी है उन्होंने विक्रम के कंधे पर हाथ रखते हुए
कहा तो दादाजी भी उठ खड़े हुए और कहा - तो फिर ठीक है आज तो हम
भी खाना बनाएंगे और ऐसा खाना कि सब उंगलिया चाटते रह जाओगे ..
तीनो रसोई की तरफ चले गए और खाने की तैयारी करने लगे..
मेहँदी वाली को बुलाया गया सबसे पहले रचना को मेहँदी लगी उसके बाद बीना, सुमन
मिनाक्षी भुआ, दादी को भी मेहँदी लगायी गयी , पल्लवी ने सबकी खुशी के
लिए सिर्फ नाखूनों पर मेहँदी लगा ली .. तभी बीना ने निखिल की तरफ देखकर
कहा
-बेटा तुम भी लगवा लो मेहँदी
निखिल ने अपने दोनों हाथ आगे कर दिए उसके गोरे हाथो में मेहँदी बहुत खिल रही थी. मेहँदी वाली ने उसकी दोनों हथेलियों में दिल बनाया एक में निखिल नाम लिखा और दूसरे में लिखना भूल गयी ,,
निखिल ने भी ध्यान नहीं दिया
मेहँदी वाली घर चली गयी रचना ने जब निखिल से उसकी मेहंदी दिखाने को कहा तो उसने हाथ आगे कर दिए पर ये क्या एक दिल तो खाली छोड़ दिया उसने, निखिल जाकर सीढ़ियों में बैठ गया
रसोई से खाने की बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी सभी के चेहरों पर खुशी थी बस निखिल ही सीढ़ियों में उदास सा बैठ था
कृष्णा ने देखा तो उसके पास चला आया और उस से उदास होने की वजह पूछी निखिल ने अपना हाथ आगे कर दिया कृष्णा ने उसके हाथ में बना दिल देखा तो दौड़कर गया और आया उसके हाथ में मेहँदी का कोन था उसने
निखिल से अपना हाथ देने को कहा निखिल ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया कृष्णा ने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और दूसरे हाथ में मेहँदी लेकर उस खाली दिल में कुछ लिखने लगा
निखिल ने देखा कृष्णा ने वहा अपना नाम लिखा है तो उसने पूछ लिया - तुमने
इसमें अपना नाम क्यों लिखा है ?
कृष्ण -तुम्हारे दिल में मेरे सिवा और कौन हो सकता है।
निखिल ने उसे घूरकर देखा तो कृष्णा ने कहा दे
लेना पूरी मेहँदी में सिर्फ मेरा ही नाम सबसे गहरा रचेगा
निखिल मुस्कुराते हुए उसे देखता रहा
Ek bhut lambe time bad hi Sahi lekin bhut pyari kahani likhi
ReplyDeleteYarr kab se wait kar raha tha.
ReplyDeleteRoj dekhta tha ki ab story ka agla part ayega .ab ayega.
Bohat din laga diye aapne.
Please aage se jaldi upload kar dena ab wait nahi hota.
Ye story o7m hai.
Wow.... Fantastic.... I cant believe ke koi itna achcha kaise likh sakta hai.... I love.... Kash koi krushna ke jaisa mujhe bhi pyar kare... Sirf mujhe aur mere alava kisi ko nahi..... Mera ek friend hai. Jo mujhe bahot chahta hai magar wo bisexual hai.....
ReplyDeletesame
Deletemujhe v true love mil jaye
DeleteBihar aa jao
Deletemujhe
ReplyDeletePlease iska 7 part jaldi upload karo.
ReplyDeleteMyjhe wait nahi ho raha hai.
Please
Please
And ye story bohat hi achi hai.
Thank you
Mere paass ak real life story hai but wo puri nhi hai pr ak din puri jrur hogi tchwood n use me jldi hi likugi or aap sb tak puchaugi
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DeleteYarr sir please iska agla part upload karo.... Mai ab our jyada wait nahi kar sakta. Please please please please please please sir....................
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ReplyDeleteMain bhi yahi soch rha tha
DeleteAb or wait nahi hota aapki soch me jadu hai or aapki writing skill super se bhi uper hai. Ab jaldi se aap next part banaiye. sach me dil se keh rahe he hum aapka next part hamare jese kayi logo ke dil ko chir ke sidha bich me lagega.
ReplyDeleteKya likhte ho aap yaar wow.
No words for explaining.👏👏👏
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Deleteboyslovestoryhindi2021.blogspot.com
Deletehttps://boyslovestoryhindi2021.blogspot.com/2022/02/kayan-ki-zindegi-part-11.html
DeleteNext part kab ayega
ReplyDeleteNext part kB aaega
ReplyDeleteAre epispde 5please send me yar please its request
ReplyDeletePlease please please please please please episode 7uplode koro main is story ka sabse boda bala friend hnu please please please its a big request of a common friend
ReplyDeleteHaa kab aayega
Deletenice story
ReplyDeleteYaar ab jaan loge kya kabse next episode ka wait kar rha hu
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ReplyDeleteBhot Achi story thi...Meri ankho me aansu as gye pdh kr...aaj lgbhg 9 mhine bit gye ha.., kab ayega agla part....bhot intzaar ha....-
ReplyDelete-Oor age bhi rhega....
☺☺
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DeleteKayan ki zindegi
Ab wait nhi hota yaar
ReplyDeletePlease 7th part bhi release kariye
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DeleteYarr ab lockdown chal rha h free hoge ab to to Jldi iska agla part upload kro na yarr bahut time se wait kr rhe h....
ReplyDeleteHaa bhai mai bhi
Deletehttps://boyslovestoryhindi2021.blogspot.com/2021/07/kayan-ki-zindegi-part-8.html
DeleteHadd ho gayi yaar 7th part ka kitna wait karwaoge yaar please jaldi karo
ReplyDeleteJyada wait नही करना padega अगले मंथ ही आ जाएगा
Deletemr sagar baj please apki mail id dijiye
Deletekayanehsash@gmail.com
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DeleteNext part kbb aayga Kitna wait krna prega
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DeleteKayan ki Zindegi.
Lamhe pyaar ki
Plss read
nice story i liked it also visit my side - https://www.hindimanyata.com/
ReplyDeletePlease sir jaldi Lao na aagla part ab wait nhi hutha ha
ReplyDeleteYarrr kb agla part bhejoge I am waiting
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ReplyDeletehi
ReplyDelete1.5 saal ho gaye ab to next part release kardo yaar 😭😭
ReplyDeleteSahi khaa Bhai
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ReplyDeleteSir plzzzz jldi se store bure kijye
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ReplyDeleteKayan ki zindegi
Lamhe pyaar ki
hi
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ReplyDeleteKayan ki zindegi"ek simple masoom ladke ki pyaar aur dard ki kahani..please read once ...i hope ye Kayan ki kahani bhi apko bahot khusi degi..
DeleteMy bloger link is here
boyslovestoryhindi2021.blogspot.com
https://boyslovestoryhindi2021.blogspot.com/2021/07/kayan-ki-zindegi-part-8.html
ReplyDeletePuri story padhne keliye mera side mai jaiye
Next part please jaldi
ReplyDeletePlease part 7 upload kar do tumhe tumahre pyar ki kasam pleazzzzz
ReplyDeletePlz
ReplyDeleteJaldi se part-7 upload kr do
Pta h jaise-jaise ye kahani end hoti aayi h meri dhadkane badhti aayi h kyuki ab 7th part nhi h n
To plz m vinati krta hu aapse ki jitni jaldi ho ske aap part 7th upload kre
M is kahani ko kayi baar padh chuka hu, to plz jaldi upload kro next part
🙏🙏🙏🙏
https://boyslovestoryhindi2021.blogspot.com/2022/02/kayan-ki-zindegi-part-11.html
ReplyDeleteplease please ap ek baar mera kahani padhiye "Kayan ki Zindegi"
ReplyDeletemera blog id he boyslovestoryhindi2021.blogspot.com
Yaar 2 saal se jyada ho gaye yaar ab to next part upload kar dijiye
ReplyDeleteEkta kapoor ji se kuchh sikhiye
ReplyDeleteNagin ke season par season diye jaa rhi hain🤣🤣🤣
💀💀this was funny
DeleteBhai next part kab aayega 3 saal se wait kr rha hn
ReplyDeletePlease next part post kr dijiye 3 saal se wait kr rhe h
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