निखिल की प्रेम कहानी (Episode 2)

घड़ी में 11 बज रहे थे, निखिल और अमन कॉलेज के बाहर आकर ऑटो का इन्तजार करने लगे, लेकिन हॉस्टल की तरफ जाने के लिए कोई ऑटो नहीं था,, निखिल को चिंता होने लगी तभी एक कार तेजी से आकर उन दोनों के सामने आकर रुकी निखिल घबरा कर पीछे हट गया......
तभी कृष्णा गाड़ी से उतर का निखिल के पास आया और कहा तुम दोनों चाहो तो मैं तुम्हें हॉस्टल तक छोड़ सकता हुं....

निखिल - जी नहीं शुक्रिया हम चले जायेंगे.....

अमन - निखिल चलते है ना यार इतनी रात को हमें अब कोई ऑटो नहीं मिलेगा.....
कृष्णा - आराम से सोच लो मुझे कोई जल्दी नहीं है.....
समय को देखते हुए निखिल ने हामी भर दी कृष्णा ने दरवाजा खोला और निखिल और अमन से बैठने को कहा..

दोनों गाड़ी में बैठ गयी कृष्णा ने गाड़ी स्टार्ट की और
हॉस्टल की तरफ चला गया...
रास्ते भर वो अमन से ही कुछ ना कुछ बात करता रहा, उसने अपनी गाड़ी का मिरर सेट किया ताकि वो पीछे बैठी निखिल को देख सके......

गाड़ी हवा से बाते कर रही थी और कुछ ही देर में हॉस्टल आ गया कृष्णा जल्दी से उतरा और गाड़ी का दरवाजा खोल दिया निखिल और अमन गाड़ी से उतर गये वो कुछ बोलते उस से पहले ही कृष्णा बोल पड़ा....
देखा में कितना शरीफ लड़का हु.....
निखिल को फिर से उस पे गुस्सा आ गया और वो वहा से चला गया अमन ने कृष्णा से थक्यू कहा और वो भी निखिल के पीछे पीछे चला गया...

कृष्णा गाड़ी में आकर बैठ गया कुछ देर बैठा रहा और फिर ना जाने उसे क्या सुझा उसने फूल आवाज में गाड़ी में गाना चला दिया.....

"ना कोई है ना कोई था जिंदगी में तुम्हारे सिवा

निखिल ने जैसे ही सुना वो दौडकर खिड़की पर आया और पर्दा हटाकर देखा उसने एक बार फिर अपना सर पिट लिया कृष्णा पागलो की तरह बांहे फैलाये सड़क पर डांस कर रहा था......
गाने की आवाज से अमन भी आ गया उसने उसे देखकर कहां "हाउ रोमांटिक".....

निखिल ने खिड़की बंद कर दी
कृष्णा मुस्कुरा दिया,, तभी वॉचमैन ने चिल्लाकर कहा ओये रोमियो की औलाद गाने बंद कर....

कृष्णा आकर गाड़ी में बैठा और घर की तरफ दौड़ा दी कृष्ण के जाने के बाद निखिल ने एक बार फिर खिड़की खोली और बाहर झांक कर देखा पर कृष्णा जा चुका था.....

उसने खिड़की बंद की और बाथरूम में कपड़े चेंज करने चला गया...
चेंज करने के बाद वो बाहर आया तो अमन ने कहा
निखिल कृष्णा कितना अच्छा है ना।
निखिल -अच्छा वो जब देखो तब मुझे परेशान करता रहता....
अमन - हां, क्योंकि वो तुम्हे पसंद करता है।

निखिल लेकिन मैं उसे बिलकुल पसंद नहीं करता, जब भी वो मेरे सामने होता है मुझे गुस्सा आता है.....
अमन - प्यार की शुरुआत गुस्सा ही है।

निखिल - तु ये आधी रात को अपना प्यार का आलाप गाना बंद कर.......
और सो जाओ चुपचाप

निखिल ने लाइट ऑफ कर दी और लेट गया अमन ने वापस लाइट ऑन की और निखिल के पास आकर कहा मुझे सच में कृष्णा में कोई इंटरेस्ट नहीं है......
निखिल - अमन तेरा दिमाग ख़राब हो गया है।
हाँ या ना अमन ने उसकी आँखों में देखते हुए पूछा

निखिल - नहीं, बिल्कुल नहीं अब सो जा और मुझे
भी सोने दे...
Ok गुड नाईट कहकर अमन सोने चला गया......
अगली सुबह निखिल देर तक सोता रहा उसने अमन से कॉलेज चले जाने को कहा...
आज निखिल का कॉलेज जाने का मन नहीं हुआ,, अमन कॉलेज चला गया निखिल ने कमरे की सफाई की और कपड़े धोये.....
उधर कॉलेज में निखिल के बिना कृष्णा का बिलकुल मन नहीं लग रहा लेकिन वो क्या कर सकता था...
दोपहर में निखिल के मामा उससे मिलने आये निखिल उन्हें देखकर सारी परेशानी भूल गया उन्होंने कुछ देर निखिल से बाते की और फिर कहा सॉरी बेटा, काम की वजह से वक्त ही नहीं मिला इसलिए आने में इतनी देर हो गयी।
निखिल कोई बात नहीं मामाजी आप आये यही हमारे लिए काफी है......
काश तुम्हारी मामी जी भी तुम्हे समझ पाती तो तुम्हे इस तरह यहां नहीं रहना पड़ता.....

निखिल हम समझ सकते है मामाजी लेकिन आप तो जानते ही है मामीजी हमे बिल्कुल पसंद नहीं करती है,
और हम नहीं चाहते हमारे कारण आपके और मामीजी के रिश्तो में दरार आये हम यहा खुश है बस वक्त निकालकर मिलने आ जाया कीजिये.....
जरूर बेटा.....
अच्छा तुम्हारे लिए एक तोहफा लेकर आये थे- मामाजी ने चाबी निखिल की तरफ बढ़ाते हुए कहा निखिल ने देखा किसी स्कूटी की चाबी थी उसने चाबी देखते हुए कहा - इसकी क्या जरूरत थी मामाजी.....
बेटा ये तुम्हारे कॉलेज जाने के लिए रोज रोज बसों में सफर करने से तुम्हे परेशानी होती होगी
निखिल ने मुस्कुराते हुए चाबी ले ली.....
मामाजी साथ में निखिल के लिए और भी ढेर सारा सामान लेकर आये थे...
कुछ देर रुकने के बाद वो वापस चले गए.. अमन जब कॉलेज से आया तो निखिल ने उसे अपनी नयी स्कूटी दिखाई.....
अमन ने घूमने का प्लान बनाया और दोनों बाहर घूमने निकल पड़े......
दोनों अब स्कूटी से कॉलेज जाने लगे......
दिन, हफ्ते , महीने निकलते गए सब धीरे धीरे बदलता गया नहीं बदला तो सिर्फ कृष्णा वो अब भी निखिल को वैसे ही परेशान करता और वो उस पर झल्लाता रहता.....
एक दिन सुबह सुबह जैसे ही निखिल क्लास से बाहर आया कृष्णा भागता हुआ आया और उसे जोर से टकरा गया ठोकर इतनी तेज थी की वो पीठ के बल गिरा और निखिल भी सीधा उसके ऊपर आ गिरा वो खुद को सम्हाल पाता उस से पहले हाथ में पकड़े नोट्स उसके हाथ से छूट गए और इधर उधर उड़ने लगे...
निखिल को उस पर गुस्सा आ रहा था और कृष्णा उसे प्यार भरी नजरे से देखे जा रहा था, सब उनकी तरफ ही देख रहे थे......
वही उठ खड़ा हुया कृष्णा भी उठा वो कुछ कहता उससे पहले ही निखिल ने उसे डांटते हुए कहा - " आप , आप कभी देखकर नही चल सकते, जब देखो तब हमें परेशान करते रहते हैं...
निखिल उसे डांटता गया और वो प्यार से उसकी तरफ देखते हुए सब सुनता गया....
फिर उसने शरमा कर निखिल से कहा " मुझे आप, आप मत कहा करो......
निखिल - क्यों ?
कृष्णा - वो जब तुम मुझे आप आप कहते हो ना तो मुझे हसबैंड वाली फीलिंग आती है कृष्णा ने शरमाते हुए कहा....
निखिल - ठीक है तो आजसे हम तुम्हे तुम कहके बुलाएँगे
निखिल- क्या कह के बुलाओगे 
कृष्णा ने निखिल की तरफ देखते हुए पूछा...
निखिल - तुम, तुम, तुम 
निखिल ने झल्लाकर कहा
कृष्णा- हाय !! कितना चाहते हो तुम मुझे , मेरा नाम रटे जा रहे हो जैसे हर जगह तुम्हे में ही नजर आ रहा हु......
कही तुम्हे मुझसे प्यार तो नहीं हो गया...
निखिल ने कुछ नहीं कहा और पैर पटकते हुए वहा से चला गया...
कृष्णा मुस्कुराते हुए देखता रहा तभी अमन वहा आ पहुंचा और कृष्णा से कहा.....
क्यों परेशान करते हो उसे इतना ?
कृष्णा - क्योंकि वह मुझे सबसे अलग लगता है.... अमन - हां अलग तो है लेकिन तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था....
कृष्णा - सॉरी अमन
मुझसे नहीं उस से जाकर कहो कृष्णा - इस वक्त बिलकुल नहीं, गुस्सा देखा ना उसका बाद में बोलूंगा पक्का.....
अमन - 2 महीने बाद एग्जाम्स है और तुम्हारी वजह से उसके सब नोट्स बर्बाद हो गए जानते हो उसने कितनी मेहनत से ये नोट्स बनाये थे.....
कृष्णा - सॉरी यार अब मैं क्या करूं?
अमन - मुझे क्या पता तुमने बिगाड़ा है अब तुम ही सही करो
कृष्णा - हम्म तो चलो मेरे साथ
अमन - कहां
कृष्णा - नोट्स बनाने में मेरी मदद करो और कहा - उसने अमन की बांह खींचते हुए कहा.....
कृष्णा - वो बाद में पहले निखिल के नोट्स
अब चलो भी
अमन- नहीं मैं नहीं आ रहा कृष्णा ने उसके कान के पास जाकर धीरे से कहा- अगर नहीं आये तो में निखिल को जाकर बता दूंगा कि तुमने अपने दोस्तों के साथ चिकन बिरयानी खायी थी और वोदका भी पीया था
अमन ने घूरकर उसे देखा तो कृष्णा बोला - चल ना यार दोस्त नहीं है क्या
अमन ने खुश होकर कहा - किसका तुम्हारा ? कृष्णा - नहीं निखिल के...
कृष्णा घसीटते हुए अमन को लाइब्रेरी लेकर गया और फिर उसके साथ मिलकर नोट्स बनाने लगा ...
निखिल हॉस्टल चला आया, नोट्स बर्बाद हो वजह से उसका मन बहुत अशांत था दो निचे बगीचे में आक लगी थोड़ी देर के लिए वहीं बैठ गया वो कृष्णा के बारे में सोचने लगा - आखिर क्यों तो हर वक्त है, हमे परेशान करता रहता है, हम पहले ऐसे तो ना थे और हम बात पे गुस्सा, हर किसी से चिढ़ना, झुंझलाहट होती है निखिल गुमसुम सा बैठा था तभी अमन आ गया और उसे चलने को कहा अमन उसका उदास चेहरा देखकर सब समझ गया था लेकिन वो जानता था की कृष्णा निखिल के नोट्स तैयार कर चूका है......
रात के 9 बज रहे थे वो परेशान सी कमरे में इधर उधर घूम रहा था तभी एक लड़के ने आकर कहा - निखिल तुम्हे वार्डन बुला रहा है निखिल बुझे मन से वार्डन के कमरे में आ गया उसने देखा वार्डन के कमरे में एक लड़की बुर्का पहने खड़ी थी उसका बड़ा सा पेट देखकर निखिल को लगा की वो प्रेग्नेंट है
तभी वार्डन ने कहा - निखिल ये कुछ देर के लिए यही रुकेगा, बाकि लड़को के कमरे में बहुत भीड़ है इसलिए थोड़ी देर ये तुम्हारे कमरे में रहेगी ध्यान रहे ये पेट से है इन्हे कोई परेशानी न हो, इन्होने अपने पति को फोन कर दिया है थोड़ी देर में वो आ जाएंगे,
निखिल ने हाँ में सर हिला दिया वार्डन ने उसे निखिल के साथ जाने का इशारा किया और खुद काम में लग गये
निखिल उसे लेकर अपने कमरे की तरफ बढ़ गया ...
निखिल उसे सहारा देकर कमरे में ले आया....
अमन भी वही मौजूद था..
निखिल ने उसे बैठने का इशारा किया और पूछा - आप कुछ लेंगी, पानी, कॉफी या चाय उसने ना में गर्दन हिला दी...
निखिल - ठीक है, आप आराम कीजिये, अमन अपने पलंग पर बैठे कोई मैगजीन पढ़ रहा था और निखिल अपने कपड़े समेट रहा था तभी निखिल के पास एक बॉल आयी उसने बॉल उठाकर सामने दिखाई दे बुर्का वाली लड़की झुककर कुछ उठा रही थी तभी उसके बुर्के से दूसरी ऑल आ गिरी निखिल ने शक भरी नजरो से उसे देखते हुए पूछा - कौन हो आप ? वो कुछ नही बोली - देखिये सच सच बता दीजिये वरना हम भी वार्डन को बुलाते है
उसने चेहरे से बुरखा उठा दिया बुरखा उठाते ही निखिल ने जोर से कहा - तुम ?
बुर्का पहने कोई और नहीं कृष्णा खड़ा था..
उसने तेजी से | आगे बढ़कर निखिल का मुंह अपने हाथ से बंद किया और उसे दिवार से सटाकर कहा- तुम पागल हो क्या ?
किसी ने सुन लिया न तो मैं तो गया काम से कृष्णा निखिल के बहुत करीब था उसने उसकी बड़ी बड़ी आँखों में देखा और कहा - ऐसे मत देखो, मुझे प्यार हो जायेगा निखिल ने आँखो से कृष्णा को हाथ हटाने का इशारा किया - तुम फिर से चिल्लाये तो ?
निखिल ने गर्दन हिलाकर ना का इशारा किया तो कृष्ण ने हाथ हटा दिया,
निखिल ने उसे धक्का देकर खुद से दूर किया और कहा - तुम यहाँ क्यों आये हो ?
किसी ने तुम्हे यहा देख लिया ना तो प्रॉब्लम हो जाएगी कृष्णा ने बुरखे से कुछ कागज निकालकर निखिल को देते हुए कहा - तुम्हारे नोट्स
निखिल - वो तो तुम कल भी बोल सकते थे और नोट्स कल दे देते...
कृष्णा - हम्म ,, लेकिन मुझे तुमसे मिलना था उसने निखिल को उपर से निचे तक देखते हुए कहा - वैसे नाईट ड्रेस में भी तुम अच्छी लगते हो
निखिल- नोट दे दिए जब जाओ यहाँ से कृष्णा ने बेड पर लेटते हुए कहा - सोच रहा हूं कल सुबह चला जाऊ
निखिल ने उसकी बांह पकड़कर उसे उठाते हुए कहा - प्लीज़ जाओ यहाँ से
कृष्णा - छूने के लिए थक्यू...
निखिल ने तुरंत उसकी बांह छोड़ दी...
तभी अमन ने कहा - यार !! ऐसा तो 1990 की फिल्मो में होता था जब हीरो हेरोइन के कमरे में चोरी छीपे जाता है,
कृष्णा उठकर अमन के पास आ गया और बोला - हाँ लेकिन तुम्हारा इस खडूस दोस्त का इन सब से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है, इसे कुछ सिखाओ....
निखिल - हमे कुछ सिखने की जरूरत नहीं है तुम निकलो यहा कृष्णा ने खिड़की के बाहर जाते हुए कहा - अच्छा
निखिल- तुम कोई काम सी तरीके से नहीं कर सकते क्या ?
कृष्णा - करता हुं ना
निखिल- क्या?
कृष्णा - पास आओ बताता हूँ निखिल चलकर खिड़की की तरफ जाता है और कहता है - बताओ ?
कृष्णा सोचने का नाटक करता है और फिर कहता है- बाद में बताऊंगा।
निखिल फिर झल्ला गया वो कुछ कहता उस से पहले वो खिड़की से निचे कूद गया ...
निखिल बेड पर आकर बैठ गया अमन उसके पास आकर बैठ गया तो निखिल ने झुंझलाते हुए कहा - इस लड़के का हम क्या करें ?
तुमने देखा ना ये कैसी हरकत करता है, और ऐसे ही अपनी स्टुपिड हरकतों से हमे हमेशा परेशान करता रहता है
अमन - निखिल मानता हुं वो तुम्हें परेशान करता है, लेकिन वो दिल का बुरा नहीं है,
उसे की तुम्हारे नोट्स खो गए तो उसने दोबारा नोटस बनाये और इस वक्त तुम्हें देने आया, कृष्णा बुरा लड़का नहीं है मैंने हमेशा उसकी आँखों में तुम्हारे लिए सम्मान ही देखा है
निखिल- पर मैं जब हम उसे देखते है तो हमे सिर्फ गुस्सा आता है
अमन- गुस्सा तो मुझे आ रहा है तुम पर, तुमने उसे नोट्स के लिए थक्यू भी नहीं कहा उल्टा उसे 2 बातें सुना दी
निखिल - सॉरी यार , वो जब सामने होता है कुछ समझ नहीं आता हमे
निखिल उठकर खिड़की की तरफ उसने देखा हॉस्टल से बाहर कृष्णा की गाड़ी खड़ी थी वो जा ही रहा था की उसने पलटकर देखा निखिल को खिड़की पर देख मुस्कुरा दिया, निखिल भी मुस्कुरा दी और खिड़की बंद कर चला गया......
अगले दिन निखिल कॉलेज पहुँचता है क्लास में जाकर पता चला निरंजन सर आज छुट्टी पर है, ना
निखिल क्लास से बाहर आकर लाइब्रेरी जाने लगा वो लाइब्रेरी की तरफ बढ़ा कृष्णा उसे लायब्रेरी के गेट पर ही दिख गया, वो रास्ता बदल गार्डन की तरफ चल दिया
रवि और रवि के कुछ दोस्त वही बैठे थे... तभी उनमे से किसी एक ने कहा - भाई देख निखिल आ रहा है।
रवि ने मुस्कुराते हुए निखिल की तरफ देखा "अरे क्या भाई देखते ही रहोगे या फिर कुछ बात भी करोगे"
दूसरे ने कहा निखिल जैसे ही रवि के पास से गुजरा रवि ने कहा - हाय !!
निखिल ने पलटकर देखा तो पीछे रवि और उसके कुछ दोस्त खड़े थे ।
निखिल - हेलो रवि - क्या हुआ आज तुम कॉलेज नहीं गये ?
निखिल - हाँ वो आज निरंजन सर छुट्टी पर है
रवि - और अच्छा ,, तो फिर चलो ना कॉफी पिते है ..
"अभी हमे कुछ नोटस बनाने है, फिर कभी - कहकर निखिल आगे बढ़ गया रवि ने लपक कर निखिल का हाथ पकड़ लिया और कहा - कम ऑन यार निखिल, आधे घंटे की ही तो बात है।
हमारा हाथ छोडो"
क्या - रवि ने निखिल की बात अनसुनी कर दी "हमने कहा हमारा हाथ छोड़ो - ये कहकर निखिल ने पटककर अपना हाथ रवि के हाथ से छुड़ा लिया ..
रवि - हाथ पकड़ लिया तो कोई गुनाह कर दिया क्या "अरे भाई रहने दे वरना घर जाकर पापा से शिकायत कर देगा"
रवि के दोस्त ने कहा
आँखे भर आई उसने कुछ नहीं कहा और आगे बढ़ गया कृष्णा वही खड़ा ये सब सुन रहा था वो आया और रवि से कहा- ये तूने सही नहीं किया कृष्णा के इतना बोलते ही रवि ने उसे जोर से एक घुसा मारा और गिर गया उसके होंठ से खून आने लगा..
निखिल ने जब देखा तो वो रवि की तरफ गया उसने अपनी पास खड़ी लड़की को किताबे पकड़ा कर और जाकर एक घुसा रवि की नाक पर दे मारा रवि को नाक से खून बहने लगा, रवि खुद को सम्हाल पाता उस से पहले निखिल ने एक जोर का मुक्का उसके मुंह पर मारा और वो दूर जा गिरा.....
निखिल का ये रूप आज सबने पहली बार देखा था, रवि के दोस्त वहा से खिसक गए .,
कृष्णा बैठे बैठे निखिल का नया रूप देखकर मुस्कुरा रहा था ...
निखिल उसके पास आया उसका हाथ पकड़कर और खींचते हुए उसे अपने साथ ले गया ..
उसे बिल्कुल सामने बैठ गयाना उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था उसने बैग से रुमाल निकाला और कृष्णा के होठो पर आये खून को साफ करते हुए प्यार से कहा - क्या जरुरत थी, ये सब करने की ,, उसने एक घुसा मारा और तुम जमीन पर , कृष्णा - लेकिन वो तुम्हारे साथ बदतमीजी कर रहा था
निखिल - जानते है, पर जब हमने कुछ नहीं कहा तो तुम्हें क्या जरूरत थी, वो अमीर बाप की बिगड़ी हुयी औलाद है
शांति से रहकर पढ़ाई करनी है, इसलिए हमने उसके मुंह लगना जरूरी नहीं समझा ...
जैसे जैसे निखिल बोलता जा रहा था कृष्णा गर्दन हिलाये जा रहा था...
जैसे निखिल उसके बाद को छू रहा था उसे लग रहा था जैसे कोई उसके दिल को छू रहा है, वो मुस्कुराते हुए निखिल में खो गया .,
निखिल ने देखा उसके हाथ में भी चोट लगी है उसने वो रुमाल कृष्णा के हाथ पर बांध दिया.. और उठकर जाने लगा ... "
क्या तुम मेरी दोस्त नहीं बन सकते - कृष्णा ने मासूमियत से कहा
निखिल ने पलटकर कहा - बन सकते है.. "फ्रेंड्स"
कृष्णा ने अपना हाथ आगे बढ़ाकर कहा
निखिल - पर हमारी एक शर्त है "मुझे तुम्हारी है शर्त मंजूर है"
कृष्णा ने बिना निखिल की शर्त सुनते ही कहा
निखिल- तो ठीक है, 2 महीने बाद तुम्हारे एग्जाम है, तुम्हे उसमे 1s डिवीजन से पास होना है, उसके बाद आकर हमसे दोस्ती का हाथ मिला सकते हो .. कृष्णा ने सोचा नहीं था निखिल उसके सामने ऐसी कोई शर्त करेगा......
मरता क्या न करता बेचारगी से अपना हाथ पीछे करके मिमियाते हुए कहा - ठीक है..
करनी होगी, और मुझे परेशान भी नहीं करोगे .. कृष्णा ने मन ही मन में कहा - साला शर्त में भी शर्त ...
उसने हाँ में गर्दन हिला दी....वह चला गया कृष्णा मुंह लटकाये वही खड़ा रहा ...
तभी अमन आया और कहा - क्या हुआ? मुंह क्यों लटका है तुम्हारा ?
कृष्ण-यार मेरी राधा तो मेरी ही बांसुरी बजा कर चला गया ...
अमन - हुआ क्या ?
कृष्णा - यार दो गिनती 100 उठक बैठक निकाल में निकाल देता, वो कहता किसी को पिट में पिट देता ,,
अरे वो कहता सिग्नल पर खड़ भिख मांगते हैं वो भी मांग लेता।
लेकिन वो तो मुझे कॉलेज में फस्ट आने का बोल रहा है, मैं पास हो जा वो ही बहुत है
अमन हसने लगा फिर कहा- तो अब तुम क्या करोगे?
कृष्णा - करना क्या है यार, पापा ने पनिशमेंट के तोर पर भेजा था, लेकिन असली पनिशमेंट तो वो दे रहा है मुझे
कृष्णा और अमन दोनों बात कर ही रहे थे की तभी रवि अपने दोस्तों के साथ आया और कृष्ण से कहा निखिल के सामने बहुत हीरो बन रहा था, अब निकालता हूँ तेरी हीरोगिरी "
लगता है उसकी मार से तेरा पेट नहीं भरा" - कृष्णा ने शर्टकी बाजु फोल्ड करते हुए कहा
रवि - तू मारेगा मुझे, कृष्णा और रवि की बातें सुन अमन ने कृष्णा का हाथ पकड़कर उसे खींचते हुए कहा - कृष्णा क्या रहे हो, वो पिट देंगे तुम्हें "
ये क्या मारेगा मुझे जब देखो तब लड़कियों की तरह पीछे छुप जाता है
रवि ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा कृष्णा ने अमन को पीछे हटने का इशारा किया .. और आगे आकर रवि को एक घुसा मारा रवि सीधा जमीन पर वा.. उसके बाद उसने रवि और उसके दोस्तों को खूब पिटा,
अमन देखता ही गया.,, तो कृष्ण जो कुछ देर पहले सिर्फ एक घुसे में गिर गया था वो अब उन सबको कुत्तो की तरह मार रहा है कृष्णा का ऐसा रूप देखकर रवि डर गया उसने हाथ जोड़ते हुए कहा - बस, अब और मत मार
कृष्णा ने उसे ऊँगली दिखाते हुए कहा - आज के बाद अगर निखि के आस पास भी नजर आया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा
रवि वहाँ से चला गया,
कृष्णा अमन के पास आया तो अमन ने कहा - निखिल के सामने तो तूने उनसे मार खाई और अब उन्हें.....
कृष्णा ने मुस्कुराते हुए अमन के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा - वो क्या है ना डार्लिंग मुझे उसकी आँखों में अपने लिए फ़िक्र देखनी थी, इसलिए एक घुसा खा लिया,, दूसरी बात तेरा दोस्त मुझे वैसे ही पसंद नहीं करता उसके सामने मारा  मारी करता तो बिलकुल पसंद नहीं करता... समझ आया कुछ। अमन ने सर हिलाते हुए कहा - समझ गया कृष्णा ने अपने होठ की तरफ इशारा करते हुए कहा - रवि ने जब यहाँ मारा तो सिर्फ यही दर्द हुआ लेकिन निखिल ने जब यहाँ छुआ तो सीधा दिल में दर्द हुआ अमन ने कंधे से उसका हाथ हटाकर जाते हुए कहा - हट ! नौटंकी साला अरे !!
सुन तो - कृष्णा ने उसे आवाज दी लेकिन अमन चला गया ...
कृष्णा भी घर चला गया.....
स्वाति हॉस्टल आ गया ...
अगले दिन अमन और निखिल जब कॉलेज पहुंचे तो देखा सब रोज जैसा ही है बस कृष्णा दिखाई नहीं दे रहा था .
निखिल ने अपनी क्लास और कृष्णा को ढूंढने लगी पर दोनों कहीं दिखाई नहीं दिया वो लायब्रेरी चला आया उसने देखा एक कोने में ढेर सारी किताबे लिए कृष्णा बैठा है, निखिल उसके पास गयि लेकिन उसने उसे देखा तक नहीं वो किताबों में लगा रहा...
निखिल वापस आ गयि ..
एक दिन कृष्णा निखिल के सामने से गुजर रहा था तो उसने उसे रोकते हुए कहा - कृष्णा
कृष्णा - सॉरी निखिल अभी मेरे पास वक्त नहीं है मुझे बहुत सारी पढ़ाई करनी है - कहकर आगे बढ़ गया
निखिल उसे देखते ही रह गया ..
तो स्वाति ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा - जब वो तुझे परेशान करता था तब तुझे गुस्सा आता था, आज जब वो चुप है तो भी तू परेशान है।
निखिल ने कुछ नहीं कहा , बस जाते हुए कृष्णा को देखत रहा
अमन - तुमने उसके सामने ऐसी शर्त रखकर अच्छा नहीं किया निखिल
निखिल- हमने सोच समझकर ये शर्त रखी है, लोग यहाँ पढ़ने आते है और उसके पापा ने भी उसे पढ़ने के लिए ही यहाँ भेजा है, लेकिन वो इस पनिशमेंट समझ वक्त और पैसा बर्बाद कर रहा है, अगर वो सच में हमसे दोस्ती करना चाहता है तो हमारे इस शर्त को जरूर पूरा करेगा....
उसके पापा को सही साबित करने के लिए ही हमने ये सब किया ..
अमन - निखिल कभी कभी मैं तुम्हे बिल्कुल नहीं समझ पाता निखिल मुस्कुरा दीया और कहा - धीरे धीरे समझ जाओगे दोनों अपनी अपनी क्लास की तरफ चल दीये...
कुछ दिन एक्जाम की डेट आ गयी
अमन और निखिल भी पढ़ाई में जुट गए 
इस बार भी निखिल के पेपर काफी अच्छे हुए, लेकिन उसे कृष्णा की फ़िक्र हो रही थी एग्जाम्स के बाद कृष्णा निखिल को कही दिखाई नहीं दिया... रिजल्ट वाले दिन सभी कॉलेज में जमा थे..
निखिल और अमन भी कॉलेज आ गए अमन ने कहा - जानता हूँ तू तो इस बार भी फस्ट आया होगा, में जाकर अपना रिजल्ट देख लेता हुं कॉलेज में हर साल स्टूडेंट्स एक टॉप 10 की लिस्ट होती थी, जो की अलग बोर्ड पर लगी थी और बाकि सबका रिजल्ट अलग बोर्ड पर अमन गया और उसने रिजल्ट देखना शुरू किया, इस बार उसके पेपर ज्यादा अच्छे नहीं हुए थे इसलिए मन में थोड़ी घबराहट थी धड़कते दिल से तो एक एक कर नाम देखते जा रहा था और फिर 2nd रों में उसे अपना नाम दिख ही गया
उसने राहत की साँस ली, उसने सोचा कृष्णा का रिजल्ट भी देख लेता हुं, लेकिन उसे कही भी कृष्णा का नाम नहीं मिला उसने एक बार फिर से लिस्ट में देखा लेकिन उसे उसका नाम कहीं नहीं दिखा तो मुंह लटकाए वापस निखिल के पास आ गया लेकिन निखिल उस से भी ज्यादा परेशान खड़ा था,
अमन उसके पास आया और रोआसा होकर कहा - यार लिस्ट में कही कृष्णा का नाम नहीं है, मुझे लगता है वो फ़ैल हो गया निखिल ने कुछ नहीं कहा वो अब भी परेशान था
अमन  ने उसे हिलाते हुए कहा - तू क्यों परेशान है ? तू तो फस्ट आया होगा ...
निखिल ने धीरे से कहा- नहीं सेकेण्ड .. . "तो फिर फर्स्ट कौन आया ?
अमन ने चौंकते हुए पूछा खुद ही जाकर देख ले - कहकर निखिल वही सीढ़ियों में बैठ गया  दौड़ते हुए 1st बोर्ड के पास गई उसने देखा निखिल का नाम सेकेंड नंबर पर था उसने जैसे ही फर्स्ट नंबर पर नाम देखा उसका मुंह खुला का खुला रह गया
*कृष्णा सिंह राणावत*
अमन को बहुत खुशी हुयी लेकिन साथ ही आश्चर्य भी की ये चमत्कार कैसे हो गया ..
वो निखिल के पास आया और खुशी से उछलते हुए कहा - उसने तो कमाल कर दिया, मैंने तो सोचा भी नहीं था ऐसा भी होगा
निखिल उठ खड़ा हुया और कहा - उसके आने से पहले हम चलते है यहाँ से निखिल जैसे ही आगे  बढ़ा कृष्णा अचानक से उसके सामने आ गया और कहा - तुमने जो कहा हमने वो किया अब तुम्हारी बारी है
निखिल ने अपना हाथ आगे बढ़ा दिया कृष्ण ने भी उस से हाथ में हाथ मीलाया.....

"कॉफी" - कृष्णा ने कहा "
बात सिर्फ दोस्ती की हुयी थी - निखिल ने हाथ छुड़ाते हुए कहा "फर्स्ट आने की खुशी में ट्रीट समझ कर ही पि लो - कृष्णा ने कहा और फिर अमन की तरफ देखकर कहा - क्यों डार्लिंग चलोगे ना .. अमन ने खुशी खुशी गर्दन हिला दी,
निखिल ने घूरकर अमन को देखा और धीरे से कहा - डार्लिंग ?
अमन - वो मजाक कर रहा है निखिल ,
और अब तो तुम दोनों दोस्त भी बन चुके हो चलो ना यार ।
अमन के कहने से निखिल उन दोनों के साथ कैंटीन की तरफ चल दिए......
दूर खड़ा रवि ये सब देखकर जल भून रहा था ..
2 सालो में आज पहली बार निखिल ने कैंटीन में कदम रखा था सबकी नजरें उस पर ही थी 
तीनो ने कॉफ़ी पी और थोड़ी देर बात करने के बाद वापस आ गए.....
निखिल और अमन हॉस्टल आ गये और कृष्णा अपने घर चला गया ...
कॉलेज की झुट्टियां शुरू हो चुकी थी
अमन अपने घर चला गया निखिल मामाजी के साथ उनके घर चला गया और कृष्णा भी अपने गांव आ गया...

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Comments

  1. Iska next part kb post hoga aapki story bahoot jyada interesting h

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  2. Nice buddy.. ye story kafi aate jayegi shyad... Waiting for next twist nd turns...

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  3. Wow what a story..... Amazing I won't think about its...... Bahot achchi lagi story..... Kaash koi krushna ki tarah mujhe bhi chahe....

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  4. I love my friend jo hme etni achi khani Sunai aage ka bhi likho yar I love stories

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  5. I love you so much kireesna

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  6. This comment has been removed by the author.

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